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परंपरागत रूप से यह व्रत – सरगी से शुरू होता है जो सास द्वारा सूर्योदय से पहले अपनी बहू को दिया जाता है।बहू सरगी खा कर उपवास शुरू करती हैं ।

सुहाग का प्रतीक माना जाता है करवा चौथ का व्रत।

यह  व्रत  कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो स्त्री इस व्रत को करती है, उसके पति की उम्र लंबी होती है|

 इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है यह त्योहार पति-पत्नी के अटूट प्रेम के रिश्ते को भी दर्शाता है |

करवा चौथ शुभ मुहूर्त 1  नवंबर  शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक होगा |  चंद्रोदय 8 बजकर 26 मिनट होगा |

इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रख संध्या के समय शुभ मुहूर्त में व्रत कथा का पाठ करती हैं। 

कथा-पाठ करने के बाद कलश में चांदी का सिक्का और अक्षत के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। फिर इसके बाद पति के दर्शन कर जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है।